चूरू. कहते हैं कि डाक्टर धरती का भगवान होता है। ये लेकिन ये हकीकत भी है। अपने दिन रात की मेहनत की बदौलत मरीजों को ठीक करने में इनका बहुत बड़ा योगदान है। यही नहीं इस डॉक्टर के यहां इलाज भी फ्री है और दवा भी। हां शायद ये बात किसी को भले ही गले नहीं उतरे, लेकिन ये सच है। ये डॉक्टर अपने मरीजों को एक माह की दवा भी मुफ्त ही देते हैं। इनका नाम है डा.आरके सुरेका। जो राजस्थान के चूरू जिले के रतननगर कस्बे के रहने वाले हैं। डॉक्टर सुरेका ये काम नि:स्वार्थ भाव से पिछले 28 वर्षों से करते आ रहे है। रतननगर के 65 वर्षीय न्यूरोलॉजिस्ट डॉ आरके सुरेका का नाम गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉड्र्स में भी दर्ज हो चुका है। डॉ सुरेका ने मिर्गी रोग के इलाज के लिए सर्वाधिक 737 लोगों को एक ही सत्र में प्रशिक्षित कर इतिहास बनाया है। और इसी कारण उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉड्र्स में दर्ज हुआ है।
बच्चों व बुजुर्गों में पाया जाता है मिर्गी रोग
मिर्गी रोग के विशेषज्ञ डॉ सुरेका ने बताया कि बच्चों और बुजुर्गों में मिर्गी रोग ज्यादा पाया जाता है। बच्चों में मिर्गी रोग से जन्म के समय बच्चों का ना रोना और उससे होने वाली आक्सीजन की कमी से मस्तिष्क को नुकसान होता है। जिससे बच्चों में दौरे पड़ सकते है। इसलिए महिलाओं को अपना प्रसव अस्पताल में करवाना चाहिए. अगर बच्चों में मिर्गी रोग हो तो चिकित्सक को दिखाना चाहिए और उन्ही के बताए अनुसार दवा का सेवन कर ना चाहिए। जिससे बच्चों के मस्तिष्क का विकास सही तरीके से हो सके। माता-पिताओं को बच्चों में मिर्गी रोग की वजह से पढ़ाई को नहीं रोकना चाहिए।

अंधविश्वास का ना हों शिकार
डॉक्टर सुरेका ने बताया कि इस रोग को जड़ से मिटाने के लिए कम से कम 5 साल तक इलाज कराना पड़ता है। इसमें ध्यान रखने योग्य बात यह है कि इस दौरान रोगी की ओर से एक भी गोली नहीं छोड़ी जानी चाहिए. दवाइयों और जांचों का खर्च मिलाएं तो करीब महीने का 1200 रुपये का खर्च है। ग्रामीण मरीज तांत्रिक के पास जाकर 40-50 रुपए में झाड़-फूंक करवाते हैं। ऐसे में उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ हो सकता है। क्योंकि 15-20 मिनट में इस दौरे के बाद मरीज खुद ही ठीक हो जाता है। एक दौरे से दूसरे दौरे के बीच का अंतराल 3 से 6 माह का होता है। इसलिए वे लोग नियमित इलाज नहीं करवाते। दूसरी बात उनमें अशिक्षा, आर्थिक तंगहाली व अंधविश्वास भी भरा रहता है।
अन्य राज्यों से भी आते रोगी
रतननगर में हर माह मुफ्त शिविर लगाने वाले डॉ सुरेका अब तक 8 हजार रोगियों को फ्री दवाएं देकर मिर्गी से छुटकारा दिला चुके हैं। इन शिविरों में प्रदेश के साथ-साथ हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, बिहार, असम, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के रोगी भी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।
मां की स्मृति में लगता है शिविर
डा. आरके सुरेका ने बताया कि वे लोगों के लिए निशुल्क शिविर लगाते हैं। ये शिविर मां की स्मृति में लगाया जाता है। शिविर के माध्यम से हर माह रोगियों की गंभीरता से जांच भी की जाती है।
