चूरू. सांप का नाम सुनते ही अधिकत लोगों की कंपकंपी छूट जाती है। क्योंकि जहरीले सांप के काटने पर अगर समय रहते अस्पताल न पहुंचे तो जान भी जा सकती है। लेकिन चूरू में एक शख्स ऐसा है जो सांपों से खिलौने की तरह खेलता है। वह पलक झपकते ही कोबरा जैसे जहरीले सांप को पकड़ लेता है। यह शख्स अब तक दर्जनों जहरीले सांपों को पकड़कर सुरक्षित जंगल में छोड़ चुका है। आस-पास के क्षेत्र में स्नैक केचर के नाम से पुकारने लगे हैं। सांपों को पकडऩे वाले ढाणी मुनीमजी निवासी बीरबल शर्मा ने बताया कि बचपन से ही जागरण में भजन सुनने के लिए जाते थे, धीरे-धीरे वह भी जागरण में जाने लगे। भजनों के दौरान लोकदेवता गोगाजी के सांपों के प्रति प्रेम से काफी प्रभावित हुए. ऐसे में उन्होंने सांपों को पकडऩे की सोची, उन्होंने बताया कि अधिकांश सांप जहरीले नहीं होते हैं। लेकिन, अंधविश्वास व जागरूकता के अभाव में लोग उन्हें मार देते हैं, जबकि सांप किसी व्यक्ति को देखते ही छिपने का प्रयास करता है और स्वयं पर खतरा महसूस करने पर ही हमला करता है। उन्होंने बताया कि शुरू में सांप को पकडऩे में काफी दिक्कत होती थी, लेकिन धीरे-धीरे अभ्यास करने से वह पारंगत हो गया।
कोबरा होता है जहरीला
बीरबल ने बताया कि कि चूरू जिले में काला नाग व कोबरा अधिक पाया जाता है। अधिकांश सांप चूहों के बिल में रहते हैं, भोजन की तलाश में निकलते हैं। बीरबल ने बताया कि कोबरा सांप जहरीला होने के साथ गुस्सैल भी होता है। इसके काटने पर समय पर इलाज नहीं मिलने से मौत तक हो जाती है। उन्होंने बताया कि अब तक अधिकांश कोबरा सांप ही पकड़े हैं, जिन्हें पकडऩे के बाद वन विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में जंगल में छोड़ते है। सांप पकडऩे के लिए कोई शुल्क नहीं लेते है। उन्होंने बताया कि अब गांव व ढाणियों से सांप पकडऩे के लिए लोग बुलाते हैं तो वे भी वहां जाते हैं।
