नई दिल्ली. संसद में आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट पेश कर रही है। इस बार के बजट को काफी अहम माना जा रहा है। क्योंकि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले आम जनता को ढेर सारी तोहफें सरकार की तरफ से मिलने की उम्मीद जगी है। ऐसे में हाइड्रोजन ट्रेन (hydrogen train) को लेकर चर्चा है। उम्मीद जताई जा रही है कि हाइड्रोजन ट्रेन को लेकर बड़ी घोषणा की जा सकती है। ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए हाइड्रोजन ट्रेन चलाए जाने की उम्मीद है। रेलवे ने इसके लिए तैयारी भी कर रखी है।
जानकारी के अनुसार हाइड्रोजन ट्रेन (hydrogen train) 1950-60 दशक के ट्रेनों को रिप्लेस करेंगी। रेल मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया था कि हाइड्रोजन ट्रेन (hydrogen train)को शुरुआत में देश के अलग-अलग 8 रूटों पर चलाया जाएगा, जिसे दिसंबर 2023 तक शुरू किया जा सकता है। बता दें कि भारत से पहले चीन और जर्मनी में हाइड्रोजन ट्रेन (hydrogen train) की सेवा शुरू हो चुकी है। जर्मनी में साल 2018 से हाइड्रोजन ट्रेन की टेस्टिंग चल रही थी।
चीन में रफ्तार से दौड़ रही है हाइड्रोजन ट्रेन
चीन ने हाल ही में अर्बन रेलवे के लिए एशिया की पहली हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन शुरू की है। इसकी टॉप स्पीड 160 किमी प्रति घंटा है। वैसे आमतौर पर यह ट्रेन 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 1000 किलोमीटर तक दौड़ सकती है। खास बात है कि हाइड्रोजन सेल ईंधन तेल, बिजली या कोयले से ज्यादा सस्ता और प्रदूषण मुक्त है। इसलिए यह प्रदूषण मुक्त और परिवहन के लिए इको-फे्रंडली है।
हाइड्रोजन ट्रेन की रफ्तार 140 किलोमीटर प्रति घंटा
जर्मनी में शुरू हुई हाइड्रोजन ट्रेन को फ्रांस की रेल ट्रांसपोर्ट कंपनी अल्स्टोम ने बनाया है। इस ट्रेन में फ्यूल सेल लगाए हैं, जो हाइड्रोजन को ऑक्सीजन से मिलाकर ऊर्जा पैदा करते हैं और बदले में सिर्फ पानी और भाप का उत्सर्जन होता है। यह इको-फ्रेंडली ट्रेन एक बार में करीब 1000 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकती है और इसकी अधिकतम रफ्तार 140 किमी/घंटा है।