जयपुर. राजस्थान की भाजा में इन दिनों घमासान मचा हुआ है। ऐसे में टकराव की स्थिति बनी हुई है। चार मार्च को भाजपा के दो कार्यक्रम हैं। ऐसे में भाजपा के कार्यकर्ता दुविधा में हैं। एक तरफ वसुंधरा राजे के जन्मदिन पर सालासर में कार्यक्रम है। वहीं दूसरी और इसी दिन भाजपा युवा मोर्चे की ओर से विधानसभा का घेराव कार्यक्रम तय किया गया है। इन दोनों कार्यक्रम के माध्यम से दोनों ही धड़े ताकत दिखाकर एक दूसरे पर भारी पडऩे के प्रयास में लगे हुए हैं। दोनों धड़े एक ही दिन में शक्ति प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान में तेज होती धड़बंदी से पार्टी चिंतित है।
वसुंधरा समर्थकों ने इस बार सालासर में पूर्व मुख्यमंत्री का जन्मदिन मनाने का ऐलान किया है। इसकी तैयारियां युद्ध स्तर पर की जा रही है। जन्मदिन को लेकर भाजपा सरकार में मंत्री रहे कालीचरण सर्राफ, युनूस खान, राजपालसिंह शेखावत, प्रतापसिंह सिंघवी, भाजपा के पूर्व पदेशाध्यक्ष अशोक परनामी, चूरू सांसद राहुल कस्वा आदि तैयारियों में लगे हुए हैं। ये नेता सालासर में सभा स्थल का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा ले चुके हैं। अशोक परनामी से लेकर प्रताप सिंह सिंघवी के घर तक दिनभर नेताओं और कार्यकर्ताओं की बैठकों का दौर जारी है। राजे का जन्मदिन और विधानसभा का घेराव तो महज बहाना है। सियासत के गलियारों में असली लड़ाई सीएम फेस को लेकर है।
कमल का फूल ही भाजपा का सीएम फेस
भाजपा में इस पर सवा चार साल से घमासान मचा हुआ है। चुनावी साल के दस्तक देने के साथ पार्टी के नेताओं को अब इस बात की चिंता सताने लगी है कि आपसी मतभेद कहीं टकराव की वजह ना बन जाए। पार्टी आलाकमान साफ कह चुका है कि राजस्थान में किसी भी नेता को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर प्रोजेक्ट नहीं किया जाएगा। अमित शाह से लेकर जेपी नड्डा और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह कई बार कह चुके हैं कि पार्टी पीएम मोदी के नाम पर चुनाव लड़ेगी। कमल का फूल ही उसका फेस होगा।
भीड़ तय करेगी कि आखिर किसमें कितना दम है
ये बात वसुंधरा समर्थकों को नागवार गुजर रही है। इसलिए पूरे प्रदेश से देश-विदेश में प्रसिद्ध सालासर पीठ में भारी भीड़ जुटाने की तैयारी है की जा रही है ताकि आलाकमान तक संदेशा जाए कि वसुंधरा राजे के बगैर राजस्थान फतह करना मुश्किल है।
यहां चल रहा बैठकों का दौर
बाड़मेर से लेकर धौलपुर तक और झालावाड़ से लेकर श्रीगंगानगर तक में तैयारियों के सिलसिले में बैठकों का दौर जारी है। वहीं भाजपा संगठन ने युवा मोर्चे को आगे कर दिया है। पार्टी चार मार्च को पेपर लीक प्रकरण को लेकर विधानसभा का घेराव करेगी। सभी विधायकों और पार्टी कार्यकर्ताओं को पहुंचने के निर्देश दिए हैं। दोनों ही कार्यक्रमों में उमडऩे वाली भीड़ तय करेगी कि आखिर किसमें कितना दम है। असल में यही दिखाने को लेकर सियासत के मैदान में शतरंजी चाल चली जा रही है।
प्रदेश में जल्द कुछ बड़े बदलाव संभव हैं
बहरहाल राजस्थान के घटनाक्रमों को लेकर पार्टी आलाकमान बारीकी से नजर रखे हुए है। असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया से दो दिन में पीएम मोदी की दो बैठकों के बाद माना जा रहा है कि प्रदेश में जल्द कुछ बड़े बदलाव संभव हैं, लेकिन इस बीच विधानसभा के घेराव और सालासर में राजे के जन्मदिन के कार्यक्रम से पार्टी दो धड़ों में बंटती दिखाई नजर आ रही है। ऐसे में सबसे ज्यादा मुश्किल उन नेताओं और कार्यकर्ताओं को हो रही है जो दोनों ही गुटों को साधने में माहिर थे। अब उनके लिए सालासर और जयपुर में से एक जगह का चयन करना कोई आसान काम नहीं होगा।