जयपुर. देश-विदेश में पक्षियों में एवियन इन्फ्लुएंजा नामक बीमारी के मामले सामने आने के साथ ही पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने सतर्कता बरतते हुए संभावित क्षेत्रों में दौरा कर पक्षियों के सैंपल एकत्रित करने का कार्य शुरू कर दिया है। अधिकारियों द्वारा बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, भरतपुर एवं जयपुर ज़िले के रोग संभावित क्षेत्रों का दौरा कर सैम्पल एकत्रित कर राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान, भोपाल भेजे गए हैं। संस्थान से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर “H5N1” एवियन इन्फ्लुएंजा की पुष्टि नहीं हुई है।उल्लेखनीय है कि सर्दियों के मौसम में राज्य के कई इलाकों में प्रवासी पक्षियों का आगमन होता है, जिसके मद्देनजर विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रवासी एवं स्थानीय पक्षियों के रोग की जांच के लिए सैंपल एकत्रित किये जा रहे हैं।
इस सम्बन्ध में अधिक जानकारी देते हुए संयुक्त निदेशक डॉ. रवि इसरानी ने बताया कि विभाग के अधिकारियों द्वारा निरंतर रोग की पहचान एवं निदान के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि विभाग के अधिकारियों द्वारा विषय विशेषज्ञों के दल के साथ केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान एवं सांभर झील का दौरा कर प्रवासी पक्षियों के सैंपल एकत्रित कर निषाद, भोपाल भिजवाए गए हैं। साथ ही प्रत्येक ज़िले पर विभाग के अधिकारियों को रोग के निदान एवं नियंत्रण के लिए उचित दिशा-निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक राज्य में एवियन इन्फ्लुएंजा का किसी भी प्रकार का मामला सामने नहीं आया है।
क्या होता है एवियन इन्फ्लूएंजा
एवियन इंफ्लूऐंज़ा जिसे सामान्यतया ‘बर्ड फ्लू’ के नाम से जाना जाता है, एक विषाणु जनित बीमारी है। यह संक्रामक रोग मुर्गियों, टर्की, बटेर, गिनी फाउल, आदि पालतू पक्षियों और जंगली पक्षियों की कई प्रजातियों को प्रभावित करता है। कभी-कभी यह मानव सहित अन्य कई स्तनधारियों को भी संक्रमित कर सकता है। पक्षियों में इसके संक्रमण का पता चलने पर संक्रमित और संपर्क वाले पक्षियों का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण किया जाता है।