जयपुर. कांग्रेस में इन दिनों एक दूसरे के खिलाफ बयानों को लेकर बवाल मचा हुआ है। कभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सचिन पायलट पर तंज कसते हैं तो कभी पायल गहलोत को निशाना नहीं बनाने से चूकते। अब मामला गहलोत केबिनेट के एक मंत्री का भी सामने आया है। राजस्थान के कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल ने 11 मई को एक बयान देकर राजस्थान की सियासत में घमासान खड़ा कर दिया है। सबसे पहले ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा ने धारीवाल के बयान की निंदा की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आलाकमान को ब्लैकमेल करने वाले नेताओं को यह नहीं भूलना चाहिए कि हिंदुस्तान के किसी नेता में दम नहीं था जो परसराम मदेरणा जी को पानी पिला देते। बाद में कैबिनट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी धारीवाल के बयान का विरोध करते हुए कहा कि यह समय पानी पिलाने का नहीं बल्कि सबको गले लगाने का है। अब सचिन पायलट ने धारीवाल के बयान का करारा जवाब दिया है। पायलट ने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार के दौरान जब तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे शांति धारीवाल को गिरफ्तार करने वाली थी तब उन्होंने ही धारीवाल को बचाया था।
इस मामले में लटकी थी गिरफ्तारी की तलवार
पूरा मामला जयपुर के जगतपुरा स्थित 30 हजार वर्ग गज सोसायटी की जमीन के दस्तावेजों से जुड़ा बताया जा रहा है। मामला साल 2016 का है। जब जमीन के कागजात छुपाकर जेडीए की ओर से शैलेन्द्र गर्ग नाम के व्यक्ति को एकल पट्टा जारी करने का मामला काफी सुर्खियों में आया था। करोड़ों रुपए के इस घोटाले में मई 2016 में पूर्व आईएएस जीएस संधू गिरफ्तार हुए थे। तत्कालीन आरएएस निष्काम दिवाकर सहित कई आरोपियों की भी गिरफ्तारियां हुई थीं। रिटायर्ड आईएएस जीएस संधू इस मामले में करीब 5 माह तक जेल में रहे।
पायलट ने किया पूरे मामले में बड़ा खुलासा
इसी केस में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटकी थी। उस वक्त साल 2016 में वसुंधरा राजे प्रदेश की मुख्यमंत्री थीं। पायलट ने इसी घटना की ओर इशारा करते हुए कहा कि जब राजे ने धारीवाल को गिरफ्तार करने की तैयारी कर ली थी तब वे कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष थे। उन्होंने बताया कि मैंने झंडा गाड़कर बोला था कि मेरी पार्टी के नेता पर कोई कार्रवाई करेगा तो मैं उनके सामने खड़ा हो जाऊंगा। अध्यक्ष होने के नाते मैंने अपने नेता का बचाव किया।
धारीवाल को अनुभवी नेताओं का सम्मान करना चाहिए
सचिन पायलट ने कहा कि शांति धारीवाल जिस तरह से बोल रहे थे, उससे लगता है कि 1998 में हमारे अनुभवी और बुजुर्ग नेता को दरकिनार कर नौजवान व्यक्ति अशोक गहलोत को मौका दिया था। उस फैसले की प्रशंसा करनी चाहिए। पायलट ने कहा कि उस वक्त के अनुभवी और बुजुर्ग नेताओं का सम्मान करना चाहिए। जिन्होंने नौजवान व्यक्ति के लिए जगह खाली की। उन दिनों स्वर्गीय परसराम मदेरणा और पंडित नवल किशोर शर्मा जैसे दिग्गज नेता थे। सचिन पायलट ने कहा कि धारीवाल साहब ने जिस तरह से बोला उसे मैं देख रहा था। उनका यह बयान उस वक्त के नेताओं के लिए ठीक नहीं है। पब्लिक लाइफ में हमेशा एक दूसरे का मान सम्मान रखना चाहिए।
धारीवाल ने पायलट के लिए गद्दार शब्द का इस्तेमाल किया था
मीडिया से बातचीत के दौरान सचिन पायलट ने ये भी कहा कि शांति धारीवाल ने उनके लिए खूब अशोभनीय शब्दों का इस्तेमाल किया। एक नहीं कई बार अपशब्द बोले, लेकिन पायलट ने कभी अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया। सचिन पायलट ने कहा कि मैं चाहता तो अपशब्द बोलकर जवाब दे सकता था, लेकिन उनके संस्कार ऐसे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी ऐसे शब्दों का प्रयोग नहीं किया जिससे किसी को ठेस पहुंचाए।
