नई दिल्ली. इन दिनों देश के शीर्ष पहलवान देश के केन्द्र बिंदु दिल्ली में जमे हैं। ये पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण और मानसिक प्रताडऩा समेत कई आरोप लगाते हुए बैठे हैं। वह वर्तमान में गोंडा जिले की कैसरगंज लोकसभा सीट से भाजपा से सांसद हैं। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। ये नेता पहले भी कई विवादों में रह चुके हैं। उनका विवादों से पुराना नाता रहा है। साल 1988 में राजनीति में कदम रखने वाले बृजभूषण शरण सिंह 6 बार के सांसद हैं। उनकी पत्नी केतकी देवी सिंह भी एक बार सांसद रह चुकी हैं। इसके अलावा उनके बेटे प्रतीक भूषण सिंह भी गोंडा की सदर सीट से लगातार 2 बार के विधायक हैं।
बृजभूषण शरण सिंह अकूत संपत्ति के मालिक हैं। उनके 54 से अधिक महाविद्यालय और विद्यालय, नर्सिंग कॉलेज संचालित हैं। इन संस्थानों में अधिकतर के प्रबंधक और संचालक या तो वह खुद या उनके परिवार का कोई सदस्य है। होटल व्यवसाय से जुड़े हैं। बृजभूषण की अपने गृहनगर गोंडा के अलावा लखनऊ में तमाम चल और अचल संपत्ति है। वे एक से अधिक प्राइवेट जेट और हेलीकॉप्टर के मालिक भी बताए जा रहे हैं। उन्हें महंगी गाडिय़ां रखने का शौक हैं। उनके काफिले में कई लग्जरी गाडिय़ां शामिल हैं, इनमें से कई की कीमत करोड़ों में है।
यही नहीं बृजभूषण हथियार रखने के भी शौकीन हैं। चुनावी हलफमाने में दिए ब्योरे के मुताबिक उनके पास एक पिस्टल, एक राइफल और एक रिपीटर है। उनकी पत्नी के नाम पर भी एक राइफल और एक रिपीटर है। वह 2011 से भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद पर काबिज हैं। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के विश्वोहरपुर में 8 जनवरी, 1957 को बृजभूषण शरण सिंह का जन्म हुआ। उनके पिता चंद्रभान शरण सिंह पहले कांग्रेस में थे। कॉलेज के दिनों से ही बृजभूषण छात्र राजनीति में सक्रिय हो गए थे।
70 के दशक में केएस साकेत महाविद्यालय, अयोध्या में महामंत्री बने। बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में लालकृष्ण आडवाणी, कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी सहित जो 40 नेता आरोपी बनाए गए, उनमें बृजभूषण शरण सिंह का नाम शामिल था, हालांकि, स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने 30 सितंबर 2020 को बाबरी विध्वंस के सभी आरोपियों को बरी कर दिया था। छात्र राजनीति और जन्मभूमि आंदोलन की वजह से बृजभूषण शरण सिंह अपने क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हो चुके थे।
भाजपा ने जब 1991 में बृजभूषण शरण सिंह को लोकसभा का टिकट दिया, तब इनके खिलाफ 34 आपराधिक मामले दर्ज थे। सिंह बड़े अंतर से चुनाव जीते थे। सिंह को लेकर सबसे बड़ा विवाद तब हुआ जब उन पर अंडरवल्र्ड के साथ जुड़ाव के आरोप लगे थे। वर्ष 1996 में जब बृजभूषण टाडा के तहत तिहाड़ जेल में सजा काट रहे थे, तब उनकी पत्नी केतकी सिंह ने गोंडा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और कांग्रेस के आनंद सिंह को 80 हजार मतों से पराजित किया। बाद में सीबीआई ने इन सभी आरोपों से बृहभूषण को बरी कर दिया।
भाजपा ने गोंडा से 2004 के लोकसभा चुनाव में बृजभूषण का टिकट काटकर घनश्याम शुक्ला को अपना उम्मीदवार बनाया था। 26 अप्रैल 2004 को वोटिंग वाले दिन घनश्याम शुक्ल का रोड एक्सीडेंट में निधन हो गया था। सिंह भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। वर्ष 2009 का लोकसभा चुनाव उन्होंने कैसरगंज सीट से सपा के टिकट पर लड़ा और जीत दर्ज की। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले उनकी भाजपा में घर वापसी हुई और तब से वह कैसरगंज से भाजपा के सांसद हैं।
साल 2019 के चुनावी हलफनामे में बृजभूषण शरण सिंह ने बताया था कि वह करीब 10 करोड़ रुपये (9,89,05,402) की प्रॉपर्टी के मालिक हैं, जबकि उनपर 6 करोड़ से ज्यादा (6,15,24,735) की देनदारी है। बृजभूषण सिंह कुल 40,185,787 करोड़ की चल-अचल संपत्ति के मालिक हैं, तो उनकी पत्नी के पास 63,444,541 करोड़ की चल-अचल संपत्ति है। सिंह ने चुनावी हलफनामे में बताया था कि उनके नाम पर 1,57,96,317 की चल संपत्ति है, जबकि उनकी पत्नी के नाम पर 2,54,44,541 रुपए की चल संपत्ति है।
