जयपुर. राजस्थान की कांग्रेस में सियासी कलह बरकरार है। जहां पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भ्रष्टाचार के खिलाफ एक्शन नहीं होने पर अनशन किया। इसके बाद सूबे की सियासत में माहौल गर्माया हुआ है। पायलट के अनशन के बाद जहां आलाकमान से लेकर सीएम अशोक गहलोत ने चुप्पी साध रखी थी वहीं अब पहली बार पूरे घटनाक्रम पर सीएम गहलोत ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। बताया जा रहा है कि गहलोत ने राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के जरिए आलाकमान को भेजे जवाब में पायलट पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है।
भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक गहलोत ने आलाकमान को भेजे जवाब में कहा है कि पायलट 2018 में सरकार बनने के बाद से डेढ साल तक सरकार का हिस्सा रहे लेकिन उन्होंने कभी भी यह मुद्दा नहीं उठाया. वहीं सीएम ने कहा है कि इसके बाद भी पायलट 4 सालों तक चुप ही रहे। गौरतलब है कि सचिन पायलट ने 11 अप्रैल को जयपुर में अनशन किया था जहां उनका आरोप था कि पिछली वसुंधरा सरकार के दौरान राजस्थान में हुए 45 हजार करोड़ के खान घोटाले सहित अन्य भ्रष्टाचार के मामलों पर किसी भी तरह का एक्शन नहीं हुआ है। पायलट ने कहा था कि पिछले 4 साल में गहलोत ने इन मामलों पर चुप्पी साधे रखी।
पायलट को नहीं है जानकारी
रिपोर्ट के मुताबिक गहलोत ने आलाकमान को दिए जवाब में कहा है कि सचिन पायलट किस मुद्दे को लेकर अनशन पर बैठे यह समझ से परे है। सीएम ने कहा है कि जिन मुद्दों को पायलट उठा रहे हैं उन पर सरकार ने कार्रवाई कर दी है ऐसे में अभी तक पायलट को इस बारे में जानकारी नहीं है।
गहलोत ने ये भी कहा है कि पायलट जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि पायलट डेढ़ साल तक सरकार में मंत्री रहे, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कभी मुद्दा नहीं उठाया और सरकार के 4 साल बाद भी वह इन मामलों पक चुप रहे।
खान घोटाले में हो चुकी कार्रवाई
गहलोत ने आगे अपने जवाब में कहा है कि पायलट की ओर से उठाए खनन आवंटन घोटाले में कांग्रेस के दबाव के बाद ही भाजपा सरकार ने आवंटन रद्द किए थे। सीएम के मुताबिक आवंटन मामले में लीजधारकों को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाने के बाद 3 वरिष्ठ अधिकारियों की एक समिति बनी थी और जांच के बाद मामले में 91 कार्रवाई की गई।
